लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> सत्य के प्रयोग

सत्य के प्रयोग

महात्मा गाँधी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :716
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9824
आईएसबीएन :9781613015780

Like this Hindi book 0

महात्मा गाँधी की आत्मकथा


मैंने जवाब दिया, 'अपने भाइयों के बुलाने पर मैं उन्हें सलाह देने आया हूँ।'

'पर क्या आप जानते नहीं कि आपको यहाँ आने का अधिकार ही नहीं हैं? परवाना तो आपको भूल से मिल गया हैं। आप यहाँ के निवासी नहीं माने जा सकते। आपको वापस जाना होगा। आप मि. चेम्बरलेन के पास नहीं जा सकते। यहाँ के हिन्दुस्तानियो की रक्षा करने के लिए तो हमारा विभाग विशेष रुप से खोला गया हैं। अच्छा, जाइये।'

इतना कहकर साहब ने मुझे बिदा किया। मुझे जवाब देने का अवसर ही न दिया।

दूसरे साथियों को रोक लिया। उन्हें साहब ने धमकाया और सलाह दी कि वे मुझे ट्रान्सवाल से बिदा कर दे।

साथी कड़वा मुँह लेकर लौटे। यों एक नई ही पहेल अनपेक्षित रूप से हमारे सामने हल करने के लिए खड़ी हो गयी।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book