ई-पुस्तकें >> वापसी वापसीगुलशन नन्दा
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सदाबहार गुलशन नन्दा का रोमांटिक उपन्यास
कर्नल वेलीअप्पा ने चीफ़गैस्ट का स्वागत करते हुए कैप्टन रणजीत की प्रशंसा में कुछ शब्द कहे और उसके सकुशल, स्वस्थ लौट आने की खुशी में टोस्ट पर 'चीअर्स' हुआ। इस अवसर पर अफ़सरों के दिल से संदेह को दूर रखने के लिए रशीद ने भी हाथ में व्हिस्की का एक जाम उठा लिया और फिर विवशत: इस जहर को, उसे होंठों तक ले ही जाना पड़ा।
दौर चलने लगे...चेहरे दमकने लगे...हंसी के फ़व्वारे छूटने लगे। वेटर्स घूम-घूम कर व्हिस्की के जाम और 'स्नैक्स' मेहमानों को देने लगे। रशीद को रणजीत के पुराने दोस्तों ने घेर लिया और नशे की तरंग में उन्होंने उस पर प्रश्नों की बौछार कर दी। पाकिस्तानी कैदी के नाते वे उसके अनुभव और विचार जानने के लिए उत्सुक थे। रशीद ने बहुत संभलकर इन प्रश्नों के उत्तर दिए। एक अफ़सर के प्रश्न का उत्तर देते हुए वह बोला-''भई, यह तो मानना ही पड़ेगा कि जंगी क़ैदियों के साथ उनका व्यवहार बुरा नहीं था। जनेवा के नियमों का पूरा पालन हुआ है।''
''लेकिन हमने तो सुना है, कई कैम्पों में काफ़ी जुल्म हुए...अफ़सरों और जवानों को मारा-पिटा गया...भूखों रखा गया...और अपमानजनक व्यवहार हुए।'' मेजर सिंधु ने रशीद को चमकती हुई आंखों से घूरकर पूछा।
''थोड़ी-बहुत मजहबी तंगनज़री तो हर इंसान में होती है...लड़ाई में तो ऐसी भावनाओं को ख़ासतौर से हवा दी जाती है। इसी कारण से कुछ घटनाएं हो जाती हैं।''
''औऱ हमारे जवानों की बहादुरी के बारे में उनके क्या विचार हैं?'' कैप्टन राणा ने ज़रा जोश में आकर पूछा।
इससे पहले कि रशीद इस प्रश्न का उत्तर दे, लै० राम आसरे गरजदार आवाज़ में बोल उठा-"यह तो हमारा दुर्भाग्य था जो इस समय सीज़ फ़ायर हो गया वरना अब तक हमारी फ़ौजें लाहौर में तिरंगा झंडा गाड़ चुकी होतीं। पैटन टैंक, अमरीकन मिजाईल और सेबर जैट का जादू तोड़कर रख दिया था भारतीय जवानों ने।''
''स्यालकोट, लाहौर, सरगोधा और कराची की बमबारी याद रखेंगी पाकिस्तानी नसलें।'' किसी ओर से नशे में डूबी आवाज आई।
न जाने कितनी आवाज़ों और प्रश्नों ने रशीद के मस्तिष्क पर एक साथ आक्रमण किए। अपने देश का यह खुला अपमान उसके मन को सहन न था, लेकिन अपने उद्देश्य को दृष्टि में रखते हुए, उसने अपने भावों को रोका और संभलते हुए धैर्य से बोला- ''वे तो यह कहते हैं कि उन्होंने हिंदुस्तानी फ़ौज को हराकर घुटने टेकने पर मज़बूर कर दिया। उनके पास भारत से ज्यादा हथियार हैं...उनकी फ़ौज हमारी फ़ौज से बढ़कर ताकतवर है।''
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