ई-पुस्तकें >> वापसी वापसीगुलशन नन्दा
|
5 पाठकों को प्रिय 363 पाठक हैं |
सदाबहार गुलशन नन्दा का रोमांटिक उपन्यास
''क्यों...इतनी जल्दी उकता गए मुझसे?'' उसने शिकायत भरे स्वर में कहा।
''यह बात नहीं...मैं सोच रहा था तुम्हारे डैडी घर पर अकेले होंगे।''
''जी नहीं...उनकी देखभाल के लिए इस समय घर पर नौकर है।''
''तो चलो, फिर कहीं चलकर एक-एक कप काफी पियें।'' रशीद ने उसका हाथ पकड़कर कहा।
''ऊंह...इतना सुन्दर समां छोड़कर फिर उसी घुटन में चलें?'' पूनम ने ठुनक कर कहा और पास होकर रशीद को अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसके गदराए हुए जवान बदन का स्पर्श और बालों में से आती भीनी सुगंध ने कुईछ देर के लिए रशीद पर एक जादू सा कर दिया...वह भूल गया कि वह परीक्षा के किस लक्ष्य पर है।
''यह तुम्हें क्या हो गया है?'' उसने पूनम के कान के पास मुंह ले जाकर कहा।
'एक नशा...तुम्हारे सामीप्य का नशा...कितने लम्बे वियोग के बाद मुझे मिले हो। यों लग रहा है, जैसे आज की रंगीन रात मेरी शादी की रात हो। जीवन की सारी खुशियां तुम्हारी बाहों में सिमट आई हों। हमेशा के लिए इन मज़बूत बाहों का सहारा मुझे कब दोगे रणजीत!'' कहते-कहते उसकी आवाज़ भर्रा गई और भावुकता में उसने रशीद को जोर से भींच लिया।
पूनम पर जैसे एक पागलपन-सा सवार था...वह भावनाओं की सब सीमाएं पार किए जा रही थी। उसके जवान बदन की आंच ने रशीद की धमनियों में भी एक ज्वाला सी भड़का दी थी। इस समय उसे यों लगने लगा था जैसे उसकी बाहों में पूनम नहीं सलमा थी। वह पूनम को बाहों में जकड़े हुए था और उसके होंठ पूनम के होंठों से मिलने ही वाले थे कि सहसा वह चौंक पड़ा। उसे अनुभव हुआ जैसे पास ही पेड़ों के पीछे रणजीत छिपा खड़ा है...उसकी मोटी-मोटी आंखें पत्तों से झांक रही हैं और वह उससे कह रहा है, ''जब मैं तुम्हारी हसीनों जमाल बीवी सलमा को आग़ोश में लेकर अपनी प्यास बुझाऊंगा तो तुम्हें कैसा लगेगा?''
रशीद ने झट अपने उमड़ते हुए भावों को नियंत्रण में किया और एक झटके से पूनम को अपने से अलग कर दिया। पूनम उसकी अचानक उत्साह हीनता का कारण न समझ सकी और उसके पसीने से भीगे चेहरे को देखकर आश्चर्य से पूछ बैठी-''क्या बात है रणजीत?''
''कुछ नहीं...जाओ...अब तुम घर जाओ। देर हो गई है।'' वह बेरुख़ी से बोला और जल्दी से पलट कर तेज़-तेज़ क़दमों से होटल में जाने लगा। पूनम अपनी जगह खड़ी विस्मय से उसे देखती रही। वह छोटी-छोटी क्यारियों को फलांगता हुआ तेज़ी से उससे दूर जा रहा था।
|