लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> श्रीहनुमानचालीसा

श्रीहनुमानचालीसा

गोस्वामी तुलसीदास

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :9
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9727
आईएसबीएन :9781613012208

Like this Hindi book 10 पाठकों को प्रिय

356 पाठक हैं

हनुमान स्तुति

।।आरती।।

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।।

जाके बल से गिरिवर काँपै ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँपै ।।

अंजनि पुत्र महा बलदाई ।।

संतन के प्रभु सदा सहाई ।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए ।।

लंका जारि सिया सुधि लाये ।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।।

जात पवनसुत बार न लाई ।।

लंका जारि असुर संहारे ।।

सियारामजी के काज संवारे ।।

लक्ष्मण मूर्च्छित पड़े सकारे ।।

आनि सजीवन प्रान उबारे ।।

पैठि पताल तोरि जम-कारे ।।

अहिरावन की भुजा उखारे ।।

बाईं भुजा असुर संहारे ।।

दाईं भुजा संत जन तारे ।।

सुर नर मुनि आरती उतारे ।।

जै जै जै हनुमान उचारे ।।

कंचन थार कपूर लौ छाई ।।

आरति करत अंजना माई ।।

जो हनुमान जी की आरति गावै ।।

बसि बैकुण्ठ परमपद पावै ।।

* * *

...Prev |

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai