लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> श्रीगणेशचालीसा

श्रीगणेशचालीसा

राम सुन्दर दास

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :9
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9726
आईएसबीएन :9781613012321

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

332 पाठक हैं

गणेश स्तुति


नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे।।31

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा।
पृथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा।।32

चले षडानन भरमि भुलाई।
रची बैठ तुम बुद्धि उपाई।।33

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें।।34

धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे।।35

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहस मुख सकै न गाई।।36

मैं मति हीन मलीन दुखारी।
करहुँ कौन विधि विनय तुम्हारी।।37

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा।
लख प्रयाग ककरा दुर्वासा।।38

अब प्रभु दया दीन पर कीजै।
अपनी भक्ति शक्ति कुछ दीजै।।39


ll दोहा ll
श्री गणेश यह चालीसा पाठ करे धर ध्यान l
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान ll40

* * *

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai