ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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किसी को भी ये बीमारी न देना
किसी को भी ये बीमारी न देना।
ग़रीबी दे तो ख़ुद्दारी न देना।।
तू दाता है तो तुझसे मांगता हूँ,
मेरी फ़ितरत में मक्कारी न देना।
समझ पाऊँ न मक़सद ज़िन्दगी का,
मुझे इतनी समझदारी न देना।
सिवा अपने दिखाई दे न कुछ भी,
नज़र को ऐसी बेदारी न देना।
वो भारी बोझ लेकर चल रहा है,
सफ़र में और दुश्वारी न देना।
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