ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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उसको पाने के लिये ख़ुद को मिटाना होगा
उसको पाने के लिये ख़ुद को मिटाना होगा।
ये है दस्तूर मोहब्बत का निभाना होगा।।
फ़लसफ़ा प्यार का लिखने का भरम मत पालो,
जो भी मज़मून लिखोगे वो पुराना होगा।
दौर हो कोई भी मंसूर को सूली होगी,
जुर्म के नाम पे फिर कोई बहाना होगा।
मेरे चेहरे की लकीरों को समझने के लिये,
आईना होके तुझे सामने आना होगा।
उठ के चल दी मेरी ग़ैरत जो कहा साक़ी ने,
अपने हाथों से तुझे जाम उठाना होगा।
वक़्त के साथ बदल जायेगा मौसम का मिज़ाज,
आज है सख़्त सफ़र कल तो सुहाना होगा।
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