लोगों की राय
ई-पुस्तकें >>
संभाल कर रखना
संभाल कर रखना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
|
पुस्तक क्रमांक : 9720
|
आईएसबीएन :9781613014448 |
 |
|
4 पाठकों को प्रिय
258 पाठक हैं
|
मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
41
ख़त की सूरत सही पैग़ाम तो उस तक पहुँचा
ख़त की सूरत सही पैग़ाम तो उस तक पहुँचा।
मैं न पहुँचा तो मेरा नाम तो उस तक पहुँचा।।
ये अलग बात है हो जाये बरी वो लेकिन,
हाँ मेरे क़त्ल का इल्ज़ाम तो उस तक पहुँचा।
प्यास होंठों का मुक़द्दर थी तो बुझती कैसे,
वो मगर ख़ुश था चलो जाम तो उस तक पहुँचा।
आदमी फिरता रहा सिर्फ इधर और उधर,
जब कहीं पाया न आराम तो उस तक पहुँचा।
दिल ने हर एक ख़ुशी उस पे निछावर करके,
कर दिया ख़ुद को भी नीलाम तो उस तक पहुँचा।
...Prev | Next...
पुस्तक का नाम
संभाल कर रखना
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai