लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720
आईएसबीएन :9781613014448

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

258 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



38

एक चेहरा सामने से यूँ गुज़रता है


एक चेहरा सामने से यूँ गुज़रता है।
आईना जिसके लिये बनता-संवरता है।।

शाम का चेहरा दमक उठता है रंगों से,
जब सितारा उसकी पलकों पर उतरता है।

कोई दीवाना है जो अक्सर अकेले में,
चाँद से हँस-हँस के पहरों बात करता है।

जो मेरी रग-रग में रहता है हरारत सा,
बन के ख़ुश्बू वो ही ग़ज़लों में बिखरता है।

एक ही रिश्ता बचा है बस मुहब्बत का,
और दुनिया को वही रिश्ता अखरता है।

आपकी बाँहों में रुक जाये तो रुक जाये,
वक़्त वर्ना किसकी ख़ातिर कब ठहरता है।

इक हक़ीक़त रोज़ मुझमें सर उठाती है,
एक सपना है जो मुझमें रोज़ मरता है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Abhilash Trivedi

लाजवाब कविताएँ!