ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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है सबके हाथ में पत्थर, संभाल कर रखना
है सबके हाथ में पत्थर, संभाल कर रखना।
उठा रहे हो, मगर सर संभाल कर रखना।।
न जाने कौन सी तहज़ीब के तहत हमको,
सिखा रहे हैं वो ख़ंजर संभाल कर रखना।
लकीरें काम न आयेंगी तेरे माथे की,
हथेलियों में मुक़द्दर संभाल कर रखना।
ख़ुशी हो, ग़म हो, न छलकेंगे आँख से आँसू,
मैं जानता हूँ समन्दर संभाल कर रखना।
तुम्हारे सजने संवरने के काम आयेंगे,
मेरे ख़याल के ज़ेवर संभाल कर रखना।
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