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ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720
आईएसबीएन :9781613014448

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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



17

हदे-निगाह में दिखता कहीं ज़रूर न था


हदे-निगाह में दिखता कहीं ज़रुर न था।
नज़र से दूर भले था वो दिल से दूर न था।।

ख़ुदी पे नाज़ तो था पर मुझे ग़ुरूर न था,
मुझे शऊर था, मैं कोई बेशऊर न था।

मैं बँट गया था मगर बच गया बिखरने से,
चिटख गया तो था आईना चूर-चूर न था।

लिपट के शम्अ से ख़ुद अपनी जान तूने दी,
तेरा कुसूर था, उसका कोई कुसूर न था।

ग़रज़ थी क्या कोई मुझको संभाल कर रखता,
मैं इक हक़ीर सा पत्थर था कोहेनूर न था।

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Abhilash Trivedi

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