लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720
आईएसबीएन :9781613014448

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

258 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह


    

कभी-कभी


ये माना, मेरी कोई हस्ती नहीं है
मगर ज़िन्दगी इतनी सस्ती नहीं है

जब से वो अजनबी हो गया
लम्हा-लम्हा सदी हो गया

कोई रिश्ता न नाता रहा
वो मगर याद आता रहा

ये भटकना ही काम आयेगा
इक न इक दिन मुकाम आयेगा

आईने से बैठ कर बातें करें
आइए ख़ुद से मुलाक़ातें करें

दोस्ती जब भी आज़माई है
बाख़ुदा हमने चोट खाई है

है काम दुनिया का पत्थर उछालते रहना
हमारा काम है दरपन सम्हालते रहना

मीज़ान पे क्या जाने वह कितनी सही उतरी
जो दिल से सदा निकली लफ़्ज़ों में वही उतरी

अपने दरम्यान ये दूरी नहीं अच्छी लगती
कोई तस्वीर अधूरी नहीं अच्छी लगती

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Abhilash Trivedi

लाजवाब कविताएँ!