लोगों की राय
ई-पुस्तकें >>
श्रीकान्त
श्रीकान्त
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :598
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
|
पुस्तक क्रमांक : 9719
|
आईएसबीएन :9781613014479 |
 |
|
7 पाठकों को प्रिय
337 पाठक हैं
|
शरतचन्द्र का आत्मकथात्मक उपन्यास
सहसा डोंगी एक ओर कुछ झुककर सीधी हो गयी। आँख उठाकर देखा कि मैं अकेला ही रह गया हूँ, दूसरा व्यक्ति नहीं है। डरते हुए मैंने आवाज दी, “इन्द्र।” पाँच-छह हाथ दूर वन के बीच से आवाज आई, “मैं नीचे हूँ।”
“नीचे क्यों?”
“डोंगी खींचकर निकालनी होगी। मेरी कमर से रस्सी बँधी है।”
“खींचकर कहाँ ले जाओगे?”
“उस गंगा में। थोड़ी ही दूर ले जाने पर बड़ी धारा मिल जाएगी।”
सुनकर मैं चुप हो गया और क्रम-क्रम से धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा। अकस्मात् कुछ दूर पर वन के बीच कनस्तर पीटने और फटे बाँसों के फटाफट शब्द से मैं चौंक उठा। डरते हुए मैंने पूछा, “वह क्या है भाई?” उसने उत्तर दिया, “खेतिहर लोग मचान पर बैठे हुए जंगली सूअरों को भगा रहे हैं।”
“जंगली सूअर! कहाँ हैं वे?” इन्द्र नाव खींचते-खींचते लापरवाही से बोला, “मुझे क्या दीख पड़ते हैं, जो बताऊँ? होंगे यहीं कहीं।” जवाब सुनकर मैं स्तब्ध हो रहा। सोचा, किसका मुँह देखा था आज सुबह! सरेशाम ही तो आज घर के भीतर बाघ के हाथ पड़ गया था, अब यदि इस जंगल में बनैले सूअरों के हाथ पड़ जाऊँ, तो इसमें विचित्र ही क्या है? फिर भी मैं तो नाव में बैठा हूँ, किन्तु, यह आदमी, छाती तक कीचड़ और जल में, इस जंगल के भीतर खड़ा है! एक कदम हिलने-डुलने का उपाय भी तो इसके पास नहीं है! कोई पन्द्रह मिनट इसी तरह सोच-विचार में निकल गये। और भी एक वस्तु पर मैं ध्यान दे रहा था। अक्सर देखता था कि पास ही किसी न किसी ज्वार या मकई के पेड़ का अगला हिस्सा एकाएक हिलने लगता था और 'छप-छप' शब्द होता था। एक दफे तो मेरे हाथ के पास ही हरकत हुई। सशंक होकर उस तरफ मैंने इन्द्र का ध्यान आकर्षित किया कि “बड़ा सूअर न सही, कोई बच्चा-कच्चा हो नहीं है?”
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai