ई-पुस्तकें >> प्रेरक कहानियाँ प्रेरक कहानियाँकन्हैयालाल
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मनोरंजक और प्रेरणाप्रद बोध कथाएँ
10. सच्चा नेतृत्व
जब लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमन्त्री थे तो एक दिन उनके मित्र ने एकान्त में उनसे कहा-'शास्त्रीजी, आप कभी-कभी पुरानी लकीर से कुछ अलग हटकर नीति-निर्धारित करते हैं, क्या यह सही है?'
'बिल्कुल सही है।' शास्त्रीजी ने तपाक से उत्तर दिया। सच्चा नेता पुरानी लीक में अपनी गाड़ी चला नहीं सकता। क्योंकि राजनैतिक परिस्थितियाँ बदल जाती हैं। मनुष्य बदल जाते हैं तथा वातावरण भी बदल जाता है और बदली हुई परिस्थितियों से तालमेल बिठाकर देश की गाड़ी को आगे बढ़ाना नेतृत्व का परम कर्त्तव्य है।'
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