ई-पुस्तकें >> प्रेरक कहानियाँ प्रेरक कहानियाँकन्हैयालाल
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मनोरंजक और प्रेरणाप्रद बोध कथाएँ
प्रेरक कहानियाँ
1. अमूल्य हास्य
अमेरिका निवासी प्रसिद्ध धनी और कलाप्रेमी वाण्डर बिल्ट किसी कार्यवश इटली के प्रमुख नगर कुस्तुन्तुनिया गये हुए थे। संयोग से उन्हीं दिनों फ्रांस के अभिनेता 'कॉकलिन' भी कुस्तुन्तुनिया आये हुए थे।
जब विनोदी और रसिक स्वभाव वाले वाण्डर बिल्ट ने यह बात सुनी तो उसने कुस्तुन्तुनिया की प्रसिद्ध नदी में नौका-विहार के लिए कॉकलिन को आमन्त्रित कर दिया।
वाण्डर बिल्ट ख्याति-प्राप्त व्यक्ति थे। ऐसे व्यक्ति का निमन्त्रण पाकर कॉकलिन प्रसन्न हो उठे और साथियों सहित निश्चित समय पर नदी पर जा पहुँचे। विशेष रूप से सुसज्जित नौका पर कॉकलिन और उसकी पार्टी के स्वागत के साथ नौका चल पड़ी।
नदी के मध्य शान्त वातावरण में कॉकलिन और उसकी पार्टी ने वाण्डर बिल्ट के मनोरंजन हेतु एक अत्यन्त रोचक रूपक प्रस्तुत किया। रूपक के कारुणिक प्रसंगों को सुनकर तो वाण्डर बिल्ट के नेत्रों से अश्रुधारा बह उठती और हास्य प्रसंगों पर हँसते-हँसते उसके पेट में बल पड़ जाते। रूपक की समाप्ति पर वाण्डर बिल्ट ने उस घटना को अपने जीवन की सबसे अधिक मूल्यवान और सुखकारी घटना बताते हुए कॉकलिन की जी-खोलकर प्रशंसा की।
परम विशिष्ट व्यक्ति द्वारा अपनी प्रशंसा सुनकर कॉकलिन को भी कम खुशी न हुई। वाण्डर बिल्ट को हार्दिक धन्यवाद देकर वह अपने ठिकाने पर चले गये।
अमेरिका पहुँचकर श्री बिल्ट ने 3000 डालर का चैक संलग्न करते हुए मि0 कॉकलिन को पत्र लिखा - 'प्रियवर! उस दिन के संयोग को मैं जीवन-भर न भुला सकूँगा। अपने कला-पूर्ण अभिनय से आपने मुझे छ: बार रुलाया था। उस रुलाई के 600 डालर तथा बारह बार हँसाया था, उस हास्य के 2400 डालर। इस प्रकार 3000 डालर का चैक संलग्न है, स्वीकार करें। क्योंकि मानव स्वास्थ्य के लिए रुदन की अपेक्षा हास्य अधिक उपयोगी है।'
उस पत्र का उत्तर कॉकलिन ने यों दिया - 'मान्यवर, आपने मेरा अभिनय पसन्द किया, इसके लिए मैं हृदय से आपका आभारी हूँ। आपके भेजे 3000 डालर के चैक को अपनी कला का पुरस्कार मानकर शिरोधार्य कर रहा हूँ न कि हास्य या रुदन का मूल्य मानकर। क्योंकि हास्य या रुदन तो मानव के लिए प्रकृति की अमूल्य देन है। भावनाओं का सुस्पष्ट दर्पण है! भला हास्य या रुदन का मूल्य डालरों में कैसे आँका जा सकता है?
धृष्टता के लिए क्षमा-याचना सहित - कॉकलिन!'
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