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परसाई के राजनीतिक व्यंग्य

हरिशंकर परसाई

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :296
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9709
आईएसबीएन :9781613014189

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राजनीतिक विषयों पर केंद्रित निबंध कभी-कभी तत्कालीन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ की माँग करते हैं लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो भी परसाई की मर्मभेदी दृष्टि उनका वॉल्तेयरीय चुटीलापन इन्हें पढ़ा ले जाने का खुद में ही पर्याप्त कारण है।

तरह-तरह के कारणों से अमेरिकी राष्ट्रपति मशहूर हो गए। जान कैनेडी की हत्या के बाद उपराष्ट्रपति लिंडन जानसन राष्ट्रपति हुए। 'मीडियाकर' (मिडिलची) राष्ट्रपतियों का दौर शुरू हुआ। लिंडन जानसन के बारे में सबसे चर्चित घटना थी कि उनका 'गाल ब्लेडर' का आपरेशन हुआ। हमारे यहाँ कई मंत्री शपथ लेते ही हृदय की 'बाई पास सर्जरी' के लिए न्यूयार्क चले जाते हैं। उनकी यही उपलब्धि होती है। मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यपाल के 'बाईपास सर्जरी' के लिए जाने के इतने समाचार पढ़े हैं कि मुझे उस अस्पताल का नाम याद हो गया - स्तोन्स केटरिंग हास्पिटल, न्यूयार्क।

रिचर्ड निक्सन जब राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे थे, तभी से अमेरिकी अखबारों में उन्हें 'स्माल टाउन लायर' (छोटे शहर का वकील) लिखा जाने लगा। रिचर्ड निक्सन राष्ट्रपति हुए। सेक्रेटरी आफ स्टेट बहुत चतुर, चालाक, हावर्ड प्रोफेसर किसिंगर थे। निक्सन किसिंगर के चलाए चलते थे। निक्सन ने वियतनाम युद्ध का अंत किया। अमेरिका में ही बहुत विरोध हो रहा था कि हम अठारह साल से वहाँ क्या लड़ रहे हैं। हमारे जवान लड़के क्यों मर रहे हैं?

रिचर्ड निक्सन कमजोर व्यक्तित्व के थे। इंदिरा गाँधी का व्यक्तित्व शक्तिशाली था, 1971 के बांगलादेश युद्ध के पहिले वे रिचर्ड निक्सन से मिलने गईं। हेनरी किसिंगर ने 'व्हाइट हाउस ईयर्स' में इस भेंट के बारे में लिखा है। लिखा है - दो बार बातचीत होना था। पहिली बार जब वे मिलीं तो, उन्होंने निक्सन को इस तरह देखा जैसे वे घटिया किस्म के मनुष्य हों। इससे निक्सन के भीतर छिपी हुई कमजोरियाँ बाहर आ गईं। इंदिराजी ने पूर्वी पाकिस्तान की घटनाओं पर कोई बात नहीं की। उन्होंने हमारे राष्ट्रपति को घंटे भर विश्व इतिहास पर भाषण दिया और बैठक खत्म हो गई। मैं शाम को परेशान भारतीय राजदूत एल. के. झा. के पास गया और उनसे कहा कि कल की भेंट में काम की बातें कराइए। किसिंगर आगे लिखते हैं - दूसरी भेंट में इंदिराजी ने ठोस बातें की। निक्सन ने कहा - शिकायत है कि आप सैनिक शिक्षा प्राप्त हजारों घुसपैठिए पूर्वी पाकिस्तान में भेज रही हैं। इंदिराजी ने कहा - गलत है। वे बंगाली शरणार्थी हैं। जब वे हजारों में हमारे देश में घुस आए तो हम उन्हें नहीं रोक सके। अब-जब वे अपने देश लौट रहे हैं तो उन्हें कैसे रोक सकते हैं। निक्सन ने कहा - पाकिस्तान के राष्ट्रपति याहिया खाँ का प्रस्ताव है कि सीमा से वे पहले अपनी फौजें हटा लेंगे, उसके बाद आप हटा लीजिए। इंदिराजी ने कहा - याहिया खाँ अपनी फौजें हटा लें। हम नहीं हटाएँगे। हमें दोनों सीमाओं पर खतरा है। बैठक खत्म। मैं समझ गया कि इंदिरा गाँधी को रूस ने हरी झंडी दिखा दी है।

निक्सन बदनाम होकर 'व्हाइट हाऊस' से बाहर हुए। उन्होंने ओछा काम कर डाला। 'वाटरगेट कांड' कर डाला। वाटरगेट नामक स्थान पर डेमोक्रेटिक पार्टी का दफ्तर है। निक्सन ने वहाँ से कागज, दस्तावेज, फाइलें, टेप चोरी करा लिए। इतनी बदनामी हुई कि निक्सन ने इस्तीफा दे दिया।

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