ई-पुस्तकें >> चमत्कारिक पौधे चमत्कारिक पौधेउमेश पाण्डे
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प्रकृति में हमारे आसपास ऐसे अनेक वृक्ष हैं जो हमारे लिए परम उपयोगी हैं। ये वृक्ष हमारे लिए ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार हैं। इस पुस्तक में कुछ अति सामान्य पौधों के विशिष्ट औषधिक, ज्योतिषीय, ताँत्रिक एवं वास्तु सम्मत सरल प्रयोगों को लिखा जा रहा है।
सिरिस
विभिन्न भाषाओं में नाम
हिन्दी - सिरिम, सिरसमराठी - सिरिश
कोंकणी - झिरिक्सी
उड़िया - सिरिसा
तमिल - वगाई
असमी - सिरिश
कन्नड - शिरिशा बागे, होम्बागे
गुजराती - पिटोसारशियो
मलयालम - वागा
तेलुगु - दिरिसाना
अंग्रेजी – Siris tree
लेटिन – Albizzia lebbek
सिरिस सम्पूर्ण भारत में पाया जाने वाला एक सामान्य वृक्ष है। पर्याप्त ऊँचा, पतझारी एवं मध्यम मोटाई के तने वाला यह वृक्ष शीत में हराभरा दिखाई देता है। इसकी पत्तियाँ इमली के समान किन्तु आकार में बड़ी, चौड़ी तथा हल्के पीले वर्ण की दिखाई देती हैं। इसके फल, फली रूप में होते हैं। प्रत्येक फली में 10-12 बीज होते हैं। इसके पुष्प पीले एवं राखी के समान खिले हुए होते हैं। दरअसल एक पुष्प कई पुष्पों का गुच्छा होता है। इसके स्तम्भ में 'कट' लगने पर जो गोंद निकलता है वह हरे-सफेद वर्ण का होता है जिसमें टैनिन तथा सैपोनिन मुख्यत: पाये जाते हैं। स्तम्भ में पीलासपन होता है। क्षत्रिय जाति का यह वृक्ष वनस्पतिजगत के लैग्यूमीनोसी (Leguminosae) कुल के उपकुल माईमोसाईडी (Mimosoidae) में आता है। इसका वनस्पतिशास्त्र में नाम 'एल्विझिया लैबेक' (Albizzia lebbek) है।
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