ई-पुस्तकें >> चमत्कारिक पौधे चमत्कारिक पौधेउमेश पाण्डे
|
10 पाठकों को प्रिय 201 पाठक हैं |
प्रकृति में हमारे आसपास ऐसे अनेक वृक्ष हैं जो हमारे लिए परम उपयोगी हैं। ये वृक्ष हमारे लिए ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार हैं। इस पुस्तक में कुछ अति सामान्य पौधों के विशिष्ट औषधिक, ज्योतिषीय, ताँत्रिक एवं वास्तु सम्मत सरल प्रयोगों को लिखा जा रहा है।
0 वृक्क रोगों में- वृक्क (kidney) रोगों में 1 तोला खरबूजों के बीजों के साथ 2-3 हरी इलायची पीसकर सुबह-शाम जल के साथ लेने से पूर्ण आराम होता है। वृक्क के रोगियों को इस प्रयोग को लगातार करने में भी कोई हानि नहीं होती।
0 हृदय रोगियों के लिये व पढ़ने वाले बच्चों के लिये- हृदय रोगियों को प्राय: घबराहट होती रहती है अथवा जो बच्चे परीक्षा देने जाते हैं उसके पूर्व या परीक्षा में उन्हें घबराहट होती है। ऐसे सभी के लिये इलायची का एक दिव्य प्रयोग है। इस प्रयोग के अंतर्गत लगभग 1 तोला हरी इलायची को दरदरा पीस लेना चाहिये। तदुपरान्त एक तबेली में लगभग 300 मिली लीटर जल लेकर उसमें इस पिसी हुई इलायची को डालकर ढक्कन लगाकर इसे इतना उबालें कि जल की मात्रा आधी रह जावे। अब, इसमें 2 चम्मच शक्कर डाल लें और पुन: एक उबाली लेकर छान लें। छना हुआ द्रव लाल वर्ण का होगा। इसे किसी काँच के गिलास में भरकर उस पर एक ढकना लगाकर रखें। इस द्रव की एक-एक चम्मच मात्रा 1-1, 2-2 घण्टे में लेते रहने से किसी भी प्रकार की घबराहट नहीं होती है। मानसिक बल बना रहता है। विद्यार्थी वर्ग परीक्षा देते समय तनिक भी घबराहट महसूस नहीं करता है। हृदय को मजबूती मिलती है।
|