ई-पुस्तकें >> चमत्कारिक दिव्य संदेश चमत्कारिक दिव्य संदेशउमेश पाण्डे
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सम्पूर्ण विश्व में भारतवर्ष ही एक मात्र ऐसा देश है जो न केवल आधुनिकता और वैज्ञानिकता की दौड़ में शामिल है बल्कि अपने पूर्व संस्कारों को और अपने पूर्वजों की दी हुई शिक्षा को भी साथ लिये हुए है।
दसों महाविद्याओं के सिद्ध मंत्र निम्नानुसार हैं-
1. काली मंत्र-
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हुं हुं ह्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालके क्रीं क्रीं क्रीं हुं हुं ह्रीं ह्रीं स्वाहा।
2. तारा मन्त्र-
ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्। ॐ श्रीं ह्रीं स्त्रीं हुं फट्।
3. षोडशी मन्त्र-
1, ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं।
2. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं: ॐ ह्रीं क ए ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सौं: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं।
4. भुवनेश्वरी मन्त्र-
1. ॐ हसरैं हसकलरीं हससे:।
2. ॐ ह्रीं।
5. भैरवी मन्त्र-
1. ॐ ऐं हीं श्रीं।
2. ॐ हसें हसकरीं हसें।
6. छिन्नमस्ता मन्त्र-
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीये हुं हुं फट् स्वाहा।
7. धूमावती मन्त्र-
1. ॐ धूँ धूँ धूमावती स्वाहा।
2. ॐ धूँ धूँ धूमावती ठ: ठ:।
8. बगलामुखी मन्त्र-
ॐ ह्रीं वगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं नाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।
9. मातंगी मन्त्र-
ॐ ह्रीं क्लीं हुं मातंग्यै फट् स्वाहा।
10. कमला मन्त्र-
1. श्रीं
2. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हसौ: जगत्प्रसूत्यै नम:।
¤ ¤ उमेश पाण्डे
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