ई-पुस्तकें >> चमत्कारिक दिव्य संदेश चमत्कारिक दिव्य संदेशउमेश पाण्डे
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सम्पूर्ण विश्व में भारतवर्ष ही एक मात्र ऐसा देश है जो न केवल आधुनिकता और वैज्ञानिकता की दौड़ में शामिल है बल्कि अपने पूर्व संस्कारों को और अपने पूर्वजों की दी हुई शिक्षा को भी साथ लिये हुए है।
तम्बाकू के सेवन से हानियाँ
तम्बाकू चबाने से मनुष्य के दाँत काले पड़ जाते हैं और लगातार मुख में तम्बाकू रखने से मुख का कैंसर हो जाता है। तम्बाकू के अधिक सेवन से जीभ की स्वाद-संवेदना समाप्त हो जाती है।
सिगरेट पीने से होंठ काले बदसूरत हो जाते हैं और मनुष्यों के श्वास में सिगरेट की गंध आती है, क्योंकि उनका रक्त दूषित हो जाता है, इससे आक्सीजन शोषण करने की क्षमता कम हो जाती है।
एस्फायसेमा (Emphysema) रोग सिगरेट के अधिक सेवन से हो जाता है। मस्तिष्क में एक अलग प्रकार की उत्तेजना आ जाती है। पाचक शक्ति घट जाती है क्योंकि तम्बाकू के अति सेवन से पाचक रसों का स्रवन कम हो जाता है। इसी प्रकार तम्बाखू सेवन से फेफड़ों का कैंसर होने की सम्भावना अधिक होती है। लीवर पर भी ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है।
तम्बाकू के सेवन से प्रजनन क्षमता घट जाती है तथा तम्बाकू का सेवन करने वालों के बच्चे कमजोर होते हैं एवं उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है।
तम्बाकू का सेवन करने वालों की आँतें कमजोर हो जाती हैं और इन्हें कब्ज का शिकार होना पड़ता है।
इनकी मांसपेशियाँ क्षीण हो जाती हैं एवं इनकी हड्डियाँ कमजोर पड़ जाती हैं।
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