ई-पुस्तकें >> चमत्कारिक दिव्य संदेश चमत्कारिक दिव्य संदेशउमेश पाण्डे
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सम्पूर्ण विश्व में भारतवर्ष ही एक मात्र ऐसा देश है जो न केवल आधुनिकता और वैज्ञानिकता की दौड़ में शामिल है बल्कि अपने पूर्व संस्कारों को और अपने पूर्वजों की दी हुई शिक्षा को भी साथ लिये हुए है।
मद्यपान करने वाले व्यक्ति के होंठ अनियमित हो जाते हैं तथा उसकी जिह्वा में स्वाद की पहचान की क्षमता क्रमश: क्षीण होती जाती है। यही कारण है कि अधिक शराब पीने वाला व्यक्ति अस्वाद वस्तुओं का भी बडे शौक से भक्षण करता है।
मद्यपान मानव की भौतिक संरचना पर भी प्रभाव डालता है। अधिक शराब पीने वाले व्यक्तियों का शरीर प्रथम तो फूलने लगता है। किन्तु कुछ समय बाद व्यक्ति के हाथ-पाँव पतले हो जाते हैं। मद्यपान के परिणामस्वरूप पुरुष का पुरुषत्व और स्त्री का स्त्रीत्व दोनों नष्ट हो जाते हैं। शराब व्यक्ति के मानसिक सन्तुलन को भी अनियमित कर देता है। फलत: व्यक्ति अपनी इच्छानुसार कार्य नहीं कर पाता। कभी-कभी वह अकारण हँसने भी लगता है। वह अपने शरीर का नियंत्रण खो देता है। ऐसी अवस्था में वह बोलना कुछ चाहता है और मुँह से कुछ और निकल जाता है। मद्यपान से नेत्रों की ज्योति कमजोर हो जाती है। नेत्र लाल हो जाते हैं। इस प्रकार चेहरे की वास्तविक शोभा लुप्त हो जाती है। मद्यपान करने वाले की स्वाभाविक नींद समाप्त हो जाती है।
शराबी व्यक्ति की प्रतिष्ठा समाज में धीरे-धीरे गिरने लगती है।
तम्बाकू मूलत: मेक्सिको में उगाई जाने वाली फसल थी, जिसे भारत में पुर्तगाली लेकर आये थे। सिगरेट के माध्यम से तम्बाकू का सेवन आज एक प्रमुख लत बन चुकी है। तम्बाकू में निकोटिन सहित अनेक हानिकारक पदार्थ होते हैं, जो शरीर में अनेक व्याधियाँ तथा बीमारियाँ पैदा करते हैं। इनमें फेफड़ों की खराबी से लेकर कैंसर जैसे रोग तक शामिल हैं। तम्बाकू के उत्पादन में भारत एक प्रमुख देश है तथा तम्बाकू की खपत भी भारत में बड़े पैमाने पर होती है। आज युवा वर्ग में सिगरेट के सेवन का फैशन बहुत बढ़ रहा है। सिगरेट पीने से उसमें मौजूद नशीले पदार्थ फेफड़ों के माध्यम से रक्त में घुल जाते हैं तथा शरीर में वे अस्थायी रूप से उत्तेजना पैदा करते हैं। अत: धीरे-धीरे शरीर नशे का आदी हो जाता है। ऐसा देखा गया है कि समाज में कई व्यक्ति तनाव तथा अकेलापन दूर करने के लिए सिगरेट या शराब का उपयोग करते हैं, किन्तु यह आदत उनके लिए, उनके जीवन में शरीर के लिए हानिकारक सिद्ध होती है।
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