लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> खामोश नियति

खामोश नियति

रोहित वर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :41
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9583
आईएसबीएन :9781613015957

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

273 पाठक हैं

कविता संग्रह

सज़ा

वक्त अपनी प्रचंड सेना के साथ 

रथ पर सावर होकर,

जिंदगी के फैसले एक छण में करेगा,

जिंदगी का सफर एक तराजू में.........

दूसरी तरफ तय किया सफर...

जो सब कुछ खामोशी के समंदर में तब्दील हो जायेगा......  

उस गुनाह का मुजरिम तो नहीं

लेकिन सज़ा बेगुनाही की,

रखवाले जिंदगी की अदालत के देंगे,

"खामोशी " की सज़ा…….।

खामोश रहकर बयान कर दी,

एक तेरी एक उसकी कहानी,

वक्त आया है कहने का,

और देखती रह गई,

सब जगह बूँद-बूँद सी खामोशी,

खामोशी बयां शब्दों ने इस कदर की है,

एक तेरी एक मेरी कहानी……।

¤ ¤

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Rohit Kumar

Respected Sir/Madam, I am very much thankful for this book....