ई-पुस्तकें >> कटी पतंग कटी पतंगगुलशन नन्दा
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एक ऐसी लड़की की जिसे पहले तो उसके प्यार ने धोखा दिया और फिर नियति ने।
''फिर?''
''कुछ महीनों बाद जब मैं इस औरत की मदद करता हुआ इसे ससुराल तक लाया तो यह देखकर हैरान रह गया कि मेरी अंजू जिन्दा है। जहां मुझे इस बात की खुशी हुई कि मेरी बीवी इस संसार में जीवित है वहां इस बात का दुःख भी हुआ कि वह इस घराने में पूनम बनी दिन काट रही है।''
''यह सब झूठ है इंस्पेक्टर साहब! सब झूठ है। न तो यह मेरा पति है और न ही मैं इसकी बीवी हूं। न तो यह पूनम है और न ही मैं इस घराने की बहू हूं। पूनम मर चुकी है।''
''तो फिर तुम कौन हो?''
''अंजना, पूनम की सहेली।''
''और वह बच्चा?''
''उसकी धरोहर है जिसे मैंने मां का प्यार दिया।''
''ओह! आई सी। तो यह बात सच है कि इस औरत का इस घराने से कोई सम्बन्ध नहीं है और असली पूनम मर चुकी है?''
''जी।''
''और यह भी सच है कि तुम असली बहू नहीं हो और न ही यह तुम्हारा पति है?''
''जी।''
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