ई-पुस्तकें >> कटी पतंग कटी पतंगगुलशन नन्दा
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एक ऐसी लड़की की जिसे पहले तो उसके प्यार ने धोखा दिया और फिर नियति ने।
''यस इंस्पेक्टर।''
''कृपा करके आप लोग इस कमरे से बाहर चले जाएं। पोस्टमार्टम के बिना किसी फैसले पर पहुंचना संभव नहीं होगा। इट इज ए पुलिस केस।''
यह सुनते ही दोनों एक-दूसरे का मुंह देखते रह गए और फिर अंजना डाक्टर के साथ कमरे से बाहर आ गई। इंस्पेक्टर तिवारी ने पुलिस चौकी से फोन मिलाया और इस घटना की रिपोर्ट कर दी। उसने थाना इंचार्ज से दो सिपाही भेजने की भी प्रार्थना की।
थोड़ी ही देर में यह बात आसपास के सारे घरों में फैल गई। पुलिस चौकी से सब-इंस्पेक्टर दो सिपाहियों सहित आ गया। तिवारी ने डिप्टी साहब के कमरे के बाहर पहरा लगा दिया और नायब इंस्पेक्टर को लाश के पोस्टमार्टम के बारे में निर्देश दे दिया। घर के सदस्यों या नौकरों को अन्दर आने की मनाही कर दी गई।
इंस्पेक्टर तिवारी कुछ जांच-पड़ताल करने के बाद अंजना के पास आया और उसके पीले और मुर्दा चेहरे की ओर देखकर बोला-''मिसेज शेखर!''
''जी!''
''आपको अभी इसी समय मेरे साथ पुलिस स्टेशन चलना होगा।''
''लेकिन घर पर...?'' वह इससे अधिक और कुछ नहीं कह सकी।
''मैं मजबूर हूं। केस अब और भी टेढ़ा हो गया है, लेकिन आप घबराइए नहीं, कुछ आवश्यक बातें पूछने के बाद आपको घर भेज दिया जाएगा।''
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