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कह देना
कह देना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9580
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आईएसबीएन :9781613015803 |
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
८२
मोहब्बत तुम भी करते हो
मोहब्बत तुम भी करते हो, मोहब्बत हम भी करते है
इबादत तुम भी करते हो, इबादत हम भी करते हैं
उधर पढ़ते हो तुम गीता, इधर पढ़ते हैं हम क़ुरआँ
तिलावत तुम भी करते हो, तिलावत हम भी करते हैं
सियासत चीज़ है ऐसी, फ़क़त नेता नहीं करते
सियासत तुम भी करते हो, सियासत हम भी करते हैं
हमें तुम नफ़्स देते हो, तुम्हें देते मेहर हम भी
तिजारत तुम भी करते हो, तिजारत हम भी करते हैं
कभी महफ़िल में जब ग़ज़लें सुना देते हैं हम दोनों
क़यामत तुम भी करते हो, क़यामत हम भी करते हैं
अँधेरों में उजालों की, हवाओं में चरागों की
हिफ़ाज़त तुम भी करते हो, हिफ़ाज़त हम भी करते हैं
अगर महलों के राजा तुम, दिलों के हम भी है राजा
हुकूमत तुम भी करते हो, हुकूमत हम भी करते हैं
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