लोगों की राय
ई-पुस्तकें >>
कह देना
कह देना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
|
पुस्तक क्रमांक : 9580
|
आईएसबीएन :9781613015803 |
 |
|
3 पाठकों को प्रिय
278 पाठक हैं
|
आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
७४
इसमें तो नज़र आयेंगे हालात मिलन के
इसमें तो नज़र आयेंगे हालात मिलन के
ये आँसू नहीं है ये है जज़्बात मिलन के
ये आँसू ही अब रहने लगे साथ मिलन के
बिछड़ा है वो जो रहता था दिन-रात मिलन के
स्वागत में जो उठती थीं वो आँखें न मिलेगी
घर जा के करेंगे जो मुलाक़ात मिलन के
ख़ामोश अगर होंगे सवालों पे कभी लब
ये आँसू हमें देंगे जवाबात मिलन के
सुनते हैं के बिछड़ों को मिला देती है क़ुदरत
अब देखों कहाँ बनते हैं हालात मिलन के
ये आँसू जो एहसास की आँखों से पढ़ेगा
उन सब को रुला देंगे ख़्यालात मिलन के
सारे अश्आर ‘क़म्बरी’ हैं दर्द में भीगे
आँसू की हो रही है वो बरसात मिलन के
(हरिलाल मिलन जी की पत्नी की स्मृति में ग़ज़ल संग्रह ‘ये आँसू’ की भूमिका के लिये)
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai