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कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

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६७

कोई चौखट कोई दर नहीं


कोई चौखट कोई दर नहीं
मेरा अपना कोई घर नहीं

हमने सब पर भरोसा किया
अब तो अपने ही ऊपर नहीं

पत्थरों से तराशी गयी
मूर्ति कोई पत्थर नहीं

पैर फैलाईये देख कर
ये ख़्यालों की चादर नहीं

जो कटे, पर करे रौशनी
दीप जैसा कोई सर नहीं

ये अहम् ही तो है ‘क़म्बरी’
कोई मेरे बराबर नहीं

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