लोगों की राय
ई-पुस्तकें >>
कह देना
कह देना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
|
पुस्तक क्रमांक : 9580
|
आईएसबीएन :9781613015803 |
 |
|
3 पाठकों को प्रिय
278 पाठक हैं
|
आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
५४
जाने कैसे हमारा मकाँ जल गया
जाने कैसे हमारा मकाँ जल गया
हम तो निकले थे घर से बुझा के दिया
ख़ुद की आवाज़ भी कोई सुनता नहीं
इस शहर में किसी से कहें भी तो क्या
हमने अपना गरेबान देखा नहीं
इसका दामन सिया, उसका दामन सिया
थी सभी में शराब, एक में था ज़हर
जाम हमने ख़ुशी से वही पी लिया
कोई भेजे तभी तो मिले ख़त मुझे
क्या करे ‘क़म्बरी’, क्या करे डाकिया
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai