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कह देना
कह देना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9580
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आईएसबीएन :9781613015803 |
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3 पाठकों को प्रिय
278 पाठक हैं
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
५३
हमारे घर में पत्थर आ रहे हैं
हमारे घर में पत्थर आ रहे हैं
न जाने आप क्यूँ घबरा रहे हैं
नहीं इतनी कठिन राहें हमारी
हमे ये राहबर बहका रहे हैं
यहाँ पत्थर की पूजा हो रही है
मगर इंसान ठोकर खा रहे हैं
ये दुनिया नासमझ समझी थी जिनको
वही दुनिया को अब समझा रहे हैं
बताओ वो भला कैसे उठेंगे
नज़र से जो गिराये जा रहे हैं
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