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कह देना
कह देना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9580
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आईएसबीएन :9781613015803 |
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3 पाठकों को प्रिय
278 पाठक हैं
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
२३
दो किनारों का मिलना भी दुश्वार है
दो किनारों का मिलना भी दुश्वार है
ये नदी है के पानी की दीवार है
प्यास सहरा की आख़िर बुझे किस तरह
दो किनारों में दरिया गिरफ़्तार है
बिजलियाँ बेसबब यार गिरती नहीं
इस चमन में कोई तो गुनहगार है
हमको मन चाही सूरत दिखाता रहा
आईना भी हमारा वफ़ादार है
हाथ कटने का मुझको कोई ग़म नहीं
लोग ये तो कहेंगे के फ़नकार है
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