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कह देना
कह देना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9580
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आईएसबीएन :9781613015803 |
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3 पाठकों को प्रिय
278 पाठक हैं
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
५
तेरा आँचल जो ढल गया होता
तेरा आँचल जो ढल गया होता
रुख़ हवा का बदल गया होता
देख लेता जो तेरी एक झलक
चाँद का दम निकल गया होता
छू न पायी तेरा बदन वरना
धूप का हाथ जल गया होता
झील पर ख़ुद ही आ गए वरना
तुझको लेने कमल गया होता
मैं जो पीता शराब आँखों से
गिरते-गिरते सँभल गया होता
माँगते क्यूँ वो आईना मुझसे
मैं जो लेकर ग़ज़ल गया होता
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