लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

278 पाठक हैं

आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें


१०८

ये जिस्म का मकान घड़ी दो घड़ी का है


ये जिस्म का मकान घड़ी दो घड़ी का है
तू मान या न मान घड़ी दो घड़ी का है

जो चार दिन मिले हैं तुम्हें प्रेम से जियो
हिन्दू या मुसल्मान घड़ी दो घड़ी का है

दौलत का हो ग़ुरूर या शोहरत का हो नशा
करना नहीं गुमान घड़ी दो घड़ी का है

कुछ भी नहीं मिलेगा अगर छोड़ दी ज़मीं
ख़्वाबों का आस्मान घड़ी दो घड़ी का है

उसकी वफ़ाओं पर हो हमें लाख इत्मिनान
लेकिन ये इत्मिनान घड़ी दो घड़ी का है

घबरा न जाना गर कोई मुश्किल भी आ पड़े
तेरा ये इम्तेहान घड़ी दो घड़ी का है

हर आदमी को धूप में चलना है ‘क़म्बरी’
कोई भी सायबान घड़ी दो घड़ी का है

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book