ई-पुस्तकें >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
१००
हम शरण उनके द्वार लेते काश
हम शरण उनके द्वार लेते काश
अपनी क़िस्मत सँवार लेते काश
आस्मानों से कुछ हसीं ग़ज़लें
हम ज़मीं पर उतार लेते काश
वो भी रुसवाईयों से बच जाता
अपना दिल हम भी मार लेते काश
काली-काली न आँधियाँ चलतीं
आप ज़ुल्फ़ें सँवार लेते काश
‘क़म्बरी’ भी तेरी मोहब्बत का
इम्तेहाँ एक बार लेते काश
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