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कह देना
कह देना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9580
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आईएसबीएन :9781613015803 |
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3 पाठकों को प्रिय
278 पाठक हैं
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
९१
तेरी पलकों पे जो ठहरा है आँसू
तेरी पलकों पे जो ठहरा है आँसू
समन्दर से भी वो गहरा है आँसू
कहा था घर से मत बाहर निकलना
मेरी सुनता नहीं बहरा है आँसू
ख़ुशी दिल में कोई आये तो कैसे
लगाये आँख पर पहरा है आँसू
समन्दर हो के भी प्यासी हैं आँखें
समन्दर हो के भी सहरा है आँसू
अरे सुन ‘क़म्बरी’ दिल के महल पर
कोई परचम नहीं फहरा है आँसू
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