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फ्लर्ट
फ्लर्ट
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :609
मुखपृष्ठ :
Ebook
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पुस्तक क्रमांक : 9562
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आईएसबीएन :9781613014950 |
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जिसका सच्चा प्यार भी शक के दायरे में रहता है। फ्लर्ट जिसकी किसी खूबी के चलते लोग उससे रिश्ते तो बना लेते हैं, लेकिन निभा नहीं पाते।
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लोग अपने शब्दों में फ्लर्ट की अलग-अलग परिभाषा देते हैं, लेकिन मेरे लिए फ्लर्ट वो होता है जिससे प्यार का दावा हर कोई बड़ी आसानी से कर लेता है लेकिन उस दावे को मुश्किल से भी पूरा नहीं कर पाता। जिसका कोई सच नहीं होता।
जिसका सच्चा प्यार भी शक के दायरे में रहता है। फ्लर्ट सिर्फ वो नहीं होता जो प्यार में दूसरों को धोखा देता है बल्कि वो भी होता है जो दूसरों से धोखा खाता है। फ्लर्ट सिर्फ वो नहीं होता जो औरों के दिलों से खेलता है बल्कि वो भी होता है जिसके दिल से और खेल जाते हैं।
सब मुझे समझाते हैं कुछ ये कि मैं सोनू को छोड़ दूँ, जिसका जवाब मैं दे देता हूँ और कुछ ये कि वो ठीक हो जायेगी, जिसे मैं बस सुन लेता हूँ। देश भर के डाक्टरों के बाद अब हम सोनू का इलाज विदेश में भी करा रहे हैं, इस बार मुझमें वाकई कोई उम्मीद जगी है, कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है, इसी उम्मीद पर हम भी कायम हैं देखते हैं कि हम इस उम्मीद को कायम रखते हैं या ये उम्मीद हमें।
जो भी है, ये अब तक की सबसे बड़ी सजा है जो मुझे मिली है मेरे फ्लर्ट होने की या ना होने की।
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