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एकाग्रता का रहस्य

स्वामी विवेकानन्द

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :31
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9561
आईएसबीएन :9781613012567

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एकाग्रता ही सभी प्रकार के ज्ञान की नींव है, इसके बिना कुछ भी करना सम्भव नहीं है।

एकाग्रता का अभाव क्यों ?

एक विद्यार्थी में एकाग्रता का अभाव क्यों होता है?

  1. संभवतः वह अपने पाठ को ठीक-ठीक समझ पाने में असमर्थ होता है।
  2. अथवा  उसके मस्तिष्क को सबल बनाने के लिए पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है।
  3. अथवा  उसकी घरेलू परिस्थितियाँ उसके मन को उद्विग्न किए रहती हैं।
  4. अथवा  वह टेलीविजन एवं सिनेमा के व्यसन से ग्रस्त है।
  5. अथवा  उसका मन इन्द्रिय-भोगों के पीछे भागता रहता है।
  6. अथवा  सम्भव है कि वह किसी स्थाई रोग से पीड़ित रहा हो।
  7. अथवा  उसे शान्तिपूर्वक आराम से बैठकर पढ़ने के लिए न्यूनतम सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं।
  8. अथवा  उसका मन समुचित रूप से विकसित नहीं हो सका है।
  9. अथवा  वह एक ऐसे छात्रावास में रहता है, जिसकी व्यवस्था ठीक नहीं है।
  10. अथवा  वह बुरी संगति में पड़ गया है।
  11. अथवा  वह अपने विषयों को पसंद नहीं करता और उसकी रुचि अभिरुचि किसी अन्य विषय में है।

जब समस्याओं के कारण का निदान हो जाता है, तब उनका समाधान ढूँढ़ निकालना कोई बड़ी समस्या नहीं रह जाती।

।। समाप्त ।।


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