ई-पुस्तकें >> भज गोविन्दम् भज गोविन्दम्आदि शंकराचार्य
|
10 पाठकों को प्रिय 110 पाठक हैं |
ब्रह्म साधना के साधकों के लिए प्रवेशिका
भज गोविन्दं भज गोविन्दं,
गोविन्दं भज मूढ़मते।
संप्राप्ते सन्निहिते काले,
न हि न हि रक्षति डुकृञ्करणे ॥ 1 ॥
(भज गोविन्दं भज गोविन्दं,...)
हे मूर्ख मानव ! गोविन्द को भजो, गोविन्द को भजो, गोविन्द को ही भजो। जब तुम्हारी मृत्यु की निर्धारित घड़ी आ डायेगी, तब व्याकरण के नियमें का रटना तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकेगा। 1 ।
(गोविन्द को भजो, गोविन्द को भजो,.....)
bhajagovindam bhajagovindam
govindam bhajamuudhamate
sampraapte sannihite kaale
nahi nahi rakshati dukrijnkarane ॥ 1 ॥
O deluded minded friend, chant Govinda, worship Govinda, love Govinda as memorizing the rules of grammar cannot save one at the time of death. ॥1॥
|