उपन्यास >> अवतरण अवतरणगुरुदत्त
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हिन्दुओं में यह किंवदंति है कि यदि महाभारत की कथा की जायें तो कथा समाप्त होने से पूर्व ही सुनने वालों में लाठी चल जाती है।
‘एक शुभ अथवा अशुभ समाचार दे रहा हूँ। महारानी अम्बिका की कोख से एक अन्धा पुत्र उत्पन्न हुआ है। बालक देखने में स्वस्थ है, परन्तु चक्षु-विहीन है। हमने देवेन्द्र से प्रार्थना की है कि इस बालक के लिए कोई योग्य चिकित्सक भेज दें, जिससे उसकी आँखें ठीक हो-सकें। एक सन्तोष है। महारानी अम्बालिका के भी गर्भ स्थित हो चुका है और हम भगवान् से प्रार्थी हैं कि वह इस बालक को सर्वांग सम्पूर्ण बनाए।
‘‘हम यह चाहते हैं कि आप इस पत्रवाहक के हाथ कश्मीर की सैनिक शक्ति और प्रकृति की ओर से इसकी सुरक्षा का वृत्तान्त लिख कर भेज दें। कश्मीर देवलोक का अंग नहीं रहना चाहिए। यह देश स्वतन्त्र हो जाये तो हमारे साम्राज्य में सम्मिलित हो सकता है। शेष आप स्वयं समझ सकते हैं।
‘‘कामभोज से कश्मीर पर आक्रमण करने की तैयारी हो रही है। ठीक उस समय हम भी कार्य करना चाहते हैं। कश्मीर-विजय के पश्चात् हम इस पर एक चन्दवंशीय युवक हो राजा बना देंगे, जो हमारा मित्र बनकर वहाँ राज्य करेगा।’’
मैं मन में विचार करता था कि हस्तिनापुर वाले अपने राज्य का उत्तराधिकारी तो रखते नहीं, परन्तु अन्य राज्यों पर अपने अधिकारी नियुक्त करने के लिए लालायित है। इस पर भी कुछ तो समाचार कश्मीर के विषय में देना ही चाहिए था। अन्यथा मैं अपनी अयोग्यता सिद्ध करता।
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