कविता संग्रह >> अंतस का संगीत अंतस का संगीतअंसार कम्बरी
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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ
कभी नहीं लड़ते
मेरे आँगन में तुलसी है, नागफनी भी है
आस-पास रहते हैं लेकिन कभी नहीं लड़ते।
अपने हिस्से की सरहद को पार नहीं करते
एक-दूसरे पर भूले से वार नहीं करते
घर वालों की खैर मनाते हैं दोनों मिलकर
अशुभ चाहने वालों का सत्कार नहीं करते
सहनशीलता सीखी है तकरार नहीं सीखी
एक-दूसरे की आँखों में कभी नहीं गड़ते
आस-पास रहते हैं लेकिन कभी नहीं लड़ते।
जंगल में होते तो ऐसी बात नहीं होती
जीवन भर दीवाली जैसी रात नहीं होती
अपने-अपने मद में दोनों चूर रहा करते
एक-दूसरे की क्षमता भी जात नहीं होती
कौन बचाता उन्हें वहाँ आँधी-तूफानों से
आपस के नजदीकी रिश्ते कभी नहीं बढ़ते
आस-पास हते हैं लेकिन कभी नहीं लड़ते।
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