कविता संग्रह >> अंतस का संगीत अंतस का संगीतअंसार कम्बरी
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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ
सवाल
हर तरफ सवाल ही सवाल हैं
कौन किसको क्या जवाब दे
तेज थी हवा ठहर गई
किन्तु घर में धूल भर गई
आई थी जो चन्दनी महक
क्या बतायें वो किधर गई
प्यार है सभी को अन्धकार से
कौन किसको आफताब दे
धुंध छा गई चिराग़ पर
दाग़ लग गया है दाग़ पर
पांव हो गये हैं मोम के
किस तरह चलेंगे आग पर
सबके पास हैं ग़बन की थैलियाँ
कौन किसको क्या हिसाब दे
सब इसी प्रयास में रहे
क्यों कोई प्रकाश में रहे
प्यास इसलिए बुझी नहीं
ओस की तलाश में रहे
जेब दूसरों की हाथ दूसरे
कौन किसको क्या ख़िताब दे
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