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अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545
आईएसबीएन :9781613015858

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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ


राधा सच्चे प्रेम का, मिलता ये ईनाम।
कान्हा से पहले लिया, जग ने तेरा नाम।।171

चाहे दुनिया घूम लो, भटको चारों ओर।
भक्ति बिना मिलता नहीं, राधा का चितचोर।।172

कान्हा तेरे साथ ही, चला गया सुखचैन।
गोकुल भी बेचैन है, मथुरा भी बेचैन।।173

चोरी की हर आदमी, करता निंदा घोर।
दुनिया को भाया मगर, अपना माखन चोर।।174

अभयदान के बाद भी, इतना रहे ख़याल।
सौ गाली गोपाल को, मत देना शिशुपाल।।175

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