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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435
आईएसबीएन :9781613018972

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


मैंने आगे कहा, “असल में मेरी यह मजबूरी है, कि, मेरे पास इतने पैसे नहीं है, नहीं तो मैं अकेला ही निकल जाता, क्योंकि आमतौर पर यात्रा में किसी को साथ लेने से खर्च तो हल्का हो जाता है, पर दो लोगों का आपस में यदि मेल न बने तब तो यात्रा का सारा मजा किर-किरा हो जाता है।“ मेरे लिए यह एक बहुत बड़ा प्रयोग था, कि मैं किसी अजनबी के साथ यात्रा का कार्यक्रम बनाऊँ, क्योंकि मैं स्वभावतः स्वतंत्र प्रकृति का व्यक्ति हूँ, और चाहे सुविधाएँ कम ही क्यों न हो पर अपनी जिंदगी को अपनी तरह से बिताना ही पसंद करता हूँ। खैर, मैंने उसे आगे बताया, “मैं वाशिंगटन, फिलाडेल्फिया, न्यूयार्क, बॉस्टन से होते हुए न्यू हैम्पशायर और मेन राज्य तक उत्तरी दिशा में जाना चाहता हूँ। वहाँ से वापस लौटते समय यदि समय मिला, तो न्यागरा फॉल्स और पेन्सेलवेनिया के कुछ स्थानों को भी देखना चाहूँगा। सब कुछ यात्रा में होने वाले खर्चे पर निर्भर करता है। यदि सब कुछ मेरी योजना के अनुसार चला, तब संभवतः मैं इन सभी जगहों पर जा सकूँगा।“
इस सोच के पीछे मेरा मंतव्य अपने मित्र खालिद से उसकी पुरानी निशान अल्टीमा कार उधार लेकर सड़क की यात्रा करना था। हम इस बारे में पहले ही एक दो बार चर्चा कर चुके थे। मैं और खालिद यहाँ अच्छे दोस्त बन चुके थे। हमारे बीच अक्सर लंबी बातें चला करती थीं। 10-15 दिनों के लिए अपनी कार उसे उधार देने मे कोई आपत्ति नहीं थी। बस उसकी शर्त यही थी कि कार में यदि कोई मरम्मत आदि करवानी पड़े तो उसका खर्च मुझे उठाना होगा। इसलिए मेरा पूरा इरादा था कि कार को बहुत संभाल कर चलाऊँगा, ताकि व्यर्थ का खर्च मेरे ऊपर न आये। इसी कारण यह आवश्यक था कि यात्रा में साथ जाने वाला दूसरा व्यक्ति भी उसी तरह संभाल कर, कार का उपयोग करे। साधारण सी यात्रा भी कितनी तैयारी की माँग रखती है, यह अब मुझे समझ में आने लगा था।
मोटे तौर पर शारलोट, नार्थ कैरोलाइना से आरंभ करके मैं पहले वाशिंगटन डी.सी, फिर वहाँ से फिली, फिली से न्यू जर्सी, वहाँ से बास्टन, बास्टन से एकेडिया नेशनल पार्क, एकेडिया से न्यागरा फाल्स्, और न्यागरा फाल्स् से वापस आते समय पिट्सबर्ग, और सबसे अंत में पिट्सबर्ग से वेस्ट वर्जीनिया होते हुए वापसी की इच्छा रखता था।
उसने कहा, “मैं तो मुख्यतः कैनेडा की यात्रा करना चाहती हूँ।“ मैंने उससे विवरण जानने के लिए पूछा, “ आप कैनेडा में कहाँ की यात्रा करना चाहती हैं?” तो वह बोली, “मैं टौरेंटो, मॉन्ट्रियाल और क्यूबैक सिटी तो जाना ही चाहती हूँ, अगर आस-पास के कोई और नगर भी जा सकें तो अच्छा होगा। मुझे कैनेडा में अपने कुछ पुराने परिचितों से मिलने की इच्छा भी है।“

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