मूल्य रहित पुस्तकें >> अमेरिकी यायावर अमेरिकी यायावरयोगेश कुमार दानी
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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी
मैने पीट्स काफी शाप से अपने लिए एक बड़ा कप भरा और उसमें हाफ एन हाफ की क्रीम
मिलाई। मेरी एन ने भी अपने लिए काफी ले ली। हमने पुनः राजमार्ग 95 पर उत्तर की
दिशा में यात्रा करनी आरंभ कर दी। रास्ते में कई स्थानों पर पुलिस की कारें
सड़क के किनारे पर सजगता से यातायात का निरीक्षण करती मिलीं। जब तक मेरी एन सो
रही थी मैं हिन्दी गाने सुन रहा था। उसके जागने पर मैने अमेरिकी गाने कार में
बजाने शुरु कर दिए। मार्ग में हर टोल बूथ में टोल देते हुए हम पहले डेलावेयर
फिर डेलावेयर नदी के पुल से होते हुए न्यू जर्सी टर्न पाइक, जो कि मध्य न्यू
जर्सी और उत्तर न्यू जर्सी तथा न्यू यार्क के पास राजमार्ग 95 का ही एक और नाम
है, उस पर बढ़ चले। मेरी एन डेलावेयर पहुँचते-पहुँचते फिर झपकियाँ लेने लगी थी।
न्यू जर्सी टर्न पाइक के दसवें निकास पर हमने टर्न पाइक छोड़ दी और वहाँ से
अंतर्राज्यीय मार्ग 287 पर उत्तर की ओर चल पड़े। एनजेटीपी छोड़ कर हम जैसे ही
अंतर्राज्यीय राजमार्ग 287 पर बढ़े हमें महान वैज्ञानिक एडीसन के नाम पर बसाये
हुये नगर एडीसन के संकेत दिखने लगे। आजकल एडीसन भारतीय लोगों का गढ़ माना जाता
है। कहते हैं कि यहाँ के बाजारों में लगभग सभी प्रकार का भारतीय सामान मिल जाता
है। बल्कि यहाँ रहने वालों को भारत की याद तक नहीं आती। मेरी एन चुपचाप बाहर का
ट्रैफिक देख रही थी। एकबारगी मैंने उसे बताना चाहा कि एडीसन में काफी भारतीय
लोग रहते हैं, फिर यह सोचकर चुप ही रहा कि उसे इस जानकारी से क्या लेना-देना।
वहाँ से लगभग 40 मील और चलने के बाद 42 निकास पर निकल कर हम कुछ देरी के लिए
अंतर्राज्यीय राजमार्ग 80 पर चले और उसके बाद जीपीएस के निर्देशानुसार राजमार्ग
80 को छोड़ निकास के पास ही स्थित फेयरफील्ड इन पहुँच गये।
इस समय तक मेरी घड़ी रात्रि के 11 बजकर 05 मिनट दिखा रही थी। हमें कमरा नं 223
मिला था और जैसा कि हमने चाहा था इसमें दो क्वीन आकार के बिस्तर थे। दिन भर
पैरों पर खड़े रहने और शाम को कार की लगभग छह घंटों की यात्रा करने के कारण
मुझे थकान का अनुभव हो रहा था। कल की अपेक्षा आज स्नान करने के बाद मैं सोफे की
बजाय बिस्तर पर लेटकर ही टीवी देखने लगा। मेरी एन टीवी में आने वाले कार्यक्रम
को बड़ी तन्मयता से देख रही थी। कुछ ही क्षणों में निद्रा देवी ने मुझे अपने
अधिकार में कर लिया।
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