मूल्य रहित पुस्तकें >> अमेरिकी यायावर अमेरिकी यायावरयोगेश कुमार दानी
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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी
तकरीबन एक घंटे बाद मेरी एन का मेसेज मुझे वापस आया। उसने लिखा था कि हाइकिंग
अच्छी रहेगी। मैने उसका नंबर देखकर उसे तुरंत काल किया। फोन पर अपना परिचय देते
हुए मैंने सबसे पहले उससे यह पूछा, “क्या आप कुछ समय के लिए बात कर सकती हैं?”
अगर मेरी एन कोई लड़का होती तो मुझे बिलकुल भी सोचना न पड़ता, परंतु एक लड़की
होने के कारण उसे फोनकाल करने में मुझे बार-बार सोचना पड़ रहा था। वह बोली,
“कोई बात नहीं, बोलिए।” मैंने क्षमा माँगते हुए कहा, “मैं शायद आगे भी काल
करूँ, क्योंकि समस्यायें एक-एक करके आ रहीं है। क्या आपको हाइकिंग और कायकिंग
में दिलचस्पी है?“ चूँकि यात्रा अगले 3 दिनों में आरंभ होने वाली थी, इसलिए
अधिक समय भी नहीं था। मेरी एन ने कहा, “मैंने पहले कभी भी हाइकिंग नहीं की है,
पर यदि मौका मिले तो करना चाहूँगी।“ जैसा कि मुझे संजीव ने बताया था, उसी
जानकारी के आधार पर मैंने उसे डेलावेयर गैप और वहाँ कायकिंग और हाइकिंग आदि के
बारे में बताया। साथ ही यह भी बताया कि उस क्षेत्र के पास ही कहीं मारियॉट के
फेयर फील्ड इन में 89 डालर में कमरा मिल रहा था। वह बोली, “यह तो बढ़िया है।“
मैंने फोन का संपर्क काटने से पहले उससे कहा, “आपके कॉलर आई डी में जो नंबर आ
रहा है उसे देख लें, यह मेरा फोन नंबर है और मैं इसी से आपको मेसेज भेजता
रहूँगा। इसके अलावा यदि आपको इस यात्रा के कार्यक्रम में कोई भी फेर बदल करना
हो तो जल्दी से जल्दी बताइए ताकि मैं उसी प्रकार समय रहते कार्यक्रम बदल सकूँ।“
अब हमारा न्यूयार्क तक का कार्यक्रम लगभग बन चुका था। हम एक रात वाशिंगटन में
और अगली तीन रातें मारियाट के फेयरफील्ड इन में ठहरने वाले थे। इंटरनेट पर
उपलब्ध जानकारी के अनुसार होटल साफ सुथरा ही दिख रहा था। मानवीय सभ्यता और
संस्कृति के विकास को देखने और उसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के
लिहाज़ से वाशिंगटन में बहुत सारा मसाला था, पर उस क्षेत्र में आस-पास सही
किराये में होटल न मिल पाने के कारण हमें अपनी यात्रा के कार्यक्रम में
परिवर्तन करना पड़ रहा था।
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