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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435
आईएसबीएन :9781613018972

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


मैं उससे बोला, “देख लेते हैं कि वीसा के साक्षात्कार के लिए क्या तिथि सुनिश्चित होती है, उसके अनुसार ही आगे की योजना बनाते हैं।” यह कहते हुए मैंने उसके सामने ही लैपटाप खोला और कैनेडियन वीसा की साइट पर जाकर आवेदन पत्र भरने लगा। अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरने के बाद मैने पाया कि आनलाइन सिस्टम ने मुझे दूतावास में साक्षात्कार के लिए छह दिन बाद पहुँचने की तिथि बताई। साक्षात्कार के लिए दूतावास में मुझे सुबह ग्यारह बजे उपस्थित रहने के लिए निर्देश दिया गया था। इसका अर्थ यह हुआ कि अब हमें न्यूयार्क सिटी में छह दिन बाद पहुँचना था और यदि कैनेडा के लिए वीसा मिल गया तो हम उसी शाम कैनेडा की सीमा में प्रवेश कर सकते थे।
वाशिंगटन के हालीडे-इन में हमारा कमरा इस गुरुवार की रात के लिए आरक्षित था। मैंने यह सोचते हुए कि यदि न्यूयार्क के आस-पास ही रहना है तो क्यों न वाशिंगटन में ही एक दिन और रुका जाए। यह सोचकर जब मैंने उसी होटल में अगले दिन का आरक्षण करना चाहा तो चौंक गया। एक दिन बाद का उसी का किराया 149 डॉलर था। मैं चौंका! किराया तो बहुत अधिक था!  इतना ही नहीं, आस-पास के  सभी होटलों में कमरों के किराए बढ़े हुए थे। कुछ में 110 डॉलर या 120 डॉलर के कमरे मिले भी, तो उनमें केवल एक बिस्तर वाले कमरे ही थे, जो कि हमारे किसी काम के नहीं थे। मैंने मेरी एन को यह समस्या बताई तो वह भी सोचने लगी, पर हमें कुछ खास समझ में नहीं आ रहा था। हमने न्यूयार्क के आस-पास के होटल देखे तो पाया कि उनके किराए तो वाशिंगटन के होटलों से भी अधिक थे।  
मुझे ऐसा लगने लगा कि मेरी गणित सही नहीं थी और होटल के कमरों में ही लगभग सवा गुना अधिक पैसा खर्च होने वाला था। मैंने मेरी एन से पूछा, “स्टेच्यू आफ लिबर्टी देखने के बारे में आपका क्या ख्याल है”? वीसा के लिए हमें सोमवार को न्यूयार्क में होना था। अब सोमवार से पहले बॉस्टन की दिशा में जाने का मतलब यह होता कि उस स्थिति में हमें आगे बढ़ने की बजाय वापस दक्षिण दिशा में लौटना पड़ता! हम दोनों की राय यह बनी कि हम गुरुवार की सुबह वाशिंगटन पहुँचकर वहाँ के दर्शनीय स्थल देखते हैं। वाशिंगटन में रात गुजारकर अगले दिन भी वहीं की सैर करते हैं। शुक्रवार शाम तक हम वहाँ से निकल कर स्टेच्यू आफ लिबर्टी के आस-पास या फिर न्यू जर्सी में जो भी अच्छी और हमारे बजट की जगह मिल जाये वहीं विश्राम करते हैं।

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