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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435
आईएसबीएन :9781613018972

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


वह बोली, “कमरा तो एक ही ले सकते हैं, पर उस कमरे में पलंग तो अलग-अलग ही होगें ना?” मैं आश्चर्य चकित हो गया! एक ही पलंग पर अपने सहयात्री के साथ सोने का इरादा तो मेरा, उसको तो छोड़ो, किसी लड़के के साथ भी नहीं था! ऐसा कोई सोच भी कैसे सकता था!
अभी तक उसके अंग्रेजी बोलने के ढंग से मुझे यह अंदाजा लग रहा था कि संभवतः वह भी मेरी तरह अंतरार्ष्ट्रीय छात्रा थी। परंतु होटल के कमरों और उनमें प्रयोग होने वाले बिस्तरों के बारे में उसकी अनभिज्ञता से मेरा शक और बढ़ गया। वैसे ऐसा भी नितांत संभव है कि अमेरिका में ही पली-बढ़ी लड़की बचपन से लेकर आज तक कभी-भी होटल में न रुकी हो। वह बाहर से आई है, इस विचार का कारण उसकी भाषा के साथ-साथ यह भी है, कि अमेरिका में रहने वाले आम लोगों का आर्थिक स्तर भी इतना होता है कि साधारण परिवार वाले लोग भी गर्मियों में कार उठा कर घूमने निकल जाते हैं। इस अवस्था में आवश्यकता पड़ने पर मार्ग में होटल में रुकना भी हो ही जाता है। साधारण परिवारों के लोग दो या तीन सितारा होटलों में आम तौर पर एक किंग बैड या फिर दो क्वीन बैड वाले कमरों में रुकते हैं। इस प्रकार के कमरों का एक रात का किराया आम तौर पर एक ही होता है।
यात्रा के संबंध में तैयारी करते समय होटलों के कमरों के बारे में अभी तक जो समझ में आया था वह मैने उसे बताया, “आम तौर पर अमेरिकी होटलों में दो वयस्कों के रुकने के लिए दो तरह के कमरे होते हैं। एक किंग बैड वाले या फिर दो क्वीन बैड वाले। यदि एक ही कमरे में तीन वयस्क रुकना चाहें तो उन्हें एक और खुलने और बंद हो जाने वाला अस्थायी पलंग मिल सकता है। कभी-कभी और विशेषकर कम व्यस्त रहने वाले शहरों के होटल इसके लिए अलग से किराया नहीं माँगते हैं, परंतु जहाँ यात्री अधिक आते हैं, ऐसे व्यस्त रहने वाले शहरों में होटल वाले 10 से 40 डॉलर तक का बढ़ा हुआ किराया माँग सकते हैं। यदि हम दो लोग ही जाने वाले हैं, तब हम पहले से ही पूछकर अपने रास्ते के सभी होटलों में दो क्वीन बैड वाले कमरे ले लेंगे। अधिक बड़े परिवारों वाले लोग या तो कई कमरे आरक्षित करवाते हैं, या फिर सूइट (दो कमरों वाली यूनिट) लेते हैं।“   
मैने उससे पूछा, “पलंग तो दो मिल सकते हैं, परंतु बाथरूम एक ही होता है। क्या आप मेरे साथ एक ही बाथरूम का प्रयोग करके काम चला लेंगी?” दूसरे देशों के लोग तो उन देशों में जगह की किल्लत होने के कारण, कम सुविधाओं और थोड़ी कम व्यक्तिगत सुविधाओं के बगैर भी काम चला लेते हैं, पर अमेरिका की बात और है। यहाँ के लोग अधिक सुविधाओं के आदी होते हैं, इसी कारण अधिक व्यक्तिगत अधिकारों और सुविधाओं की माँग करते हैं। लेकिन, इसके विपरीत कभी-कभी मैंने कॉलेज के आस-पास की यात्रा करते समय अपने आस-पास के राजमार्गो पर बने, गैस स्टेशनों में ऐसे शौचालय भी देखे हैं, जिन्हें स्त्री-पुरुष दोनों ही प्रयोग करते हैं। संभवतः अलग-अलग परिस्थितियों की बात है। 

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