लोगों की राय

उपन्यास >> निर्मला (उपन्यास)

निर्मला (उपन्यास)

प्रेमचन्द

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :304
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 8556
आईएसबीएन :978-1-61301-175

Like this Hindi book 2 पाठकों को प्रिय

364 पाठक हैं

अद्भुत कथाशिल्पी प्रेमचंद की कृति ‘निर्मला’ दहेज प्रथा की पृष्ठभूमि में भारतीय नारी की विवशताओं का चित्रण करने वाला एक सशक्तम उपन्यास है…


रुक्मिणी समझ गयी कि बहू ने अपना वार किया; पर वह दबने वाली औरत न थी। एक तो उम्र में बड़ी, तिस पर इसी घर की सेवा में जिन्दगी काट दी थी! किसकी मजाल थी कि उन्हें बेदखल कर दे। उन्हें भाई की इस छुद्रता पर आश्चर्य हुआ। बोलीं-तो क्या लौंडी बनाकर रखोगे? लौंडी बनकर रहना है, तो इस घर की लौंड़ी न बनूँगी। अगर तुम्हारी यह इच्छा हो कि घर में कोई आग लगा दे और मैं खड़ी देखा करूँ, किसी को बेराह चलते देखूँ; तो चुप साध लूँ, जो जिसके मन में आये करे, मैं मिट्टी की देवी बनी रहूँ, तो यह मुझसे न होगा। यह हुआ क्या, जो तुम इतना आपे से बाहर हो रहे हो? निकल गयी सारी बुद्धिमानी, कल की लौंडिया चोटी पकड़कर नचाने लगी? कुछ पूछना न ताछना, बस, उसने तार खींचा और तुम काठ के सिपाही की तरह तलवार निकालकर खड़े हो गये।

तोता–सुनता हूँ, कि तुम हमेशा खुचर निकालती रहती हो, बात-बात पर ताने देती हो। अगर कुछ सीख देनी हो, तो उसे प्यार से, मीठे शब्दों में देनी चाहिये। तानों से सीख मिलने के बदले उलटा और जी चलने लगता है।

रुक्मिणी–तो तुम्हारी यह मर्जी है, कि किसी बात में न बोलूँ, यही सही। लेकिन फिर यह कहना, कि तुम घर में बैठी थीं, क्यों नहीं सलाह दी। जब मेरी बातें जहर लगती हैं तो मुझे क्या कुत्ते ने काटा है, जो बोलूँ? मसल है-‘नाटों खेती, बहुरियों घर।’ मैं भी देखूँ, बहुरिया कैसे घर चलाती है।

इतने में सियाराम और जियाराम स्कूल से आ गये। आते-ही-आते दोनों बुआजी के पास जाकर खाने को माँगने लगे।

रुक्मिणी ने कहा–जाकर अपनी नयी अम्माँ से क्यों नहीं माँगते, मुझे बोलने का हुक्म नहीं है।

तोता–अगर तुम लोगों ने उस घर में कदम रखा, तो टाँग तोड़ दूँगा। बदमाशी पर कमर बाँधी है।

जियाराम जरा शोख था। बोला-उनको तो आप कुछ नहीं कहते, हमीं को धमकाते हैं। कभी पैसे नहीं देतीं।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai