अतिरिक्त >> आराधना आराधनासूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ
ऊँट बैल का साथ हुआ है
ऊँट बैल का साथ हुआ है;
कुत्ता पकड़े हुए जुआ है।
यह संसार सभी बदला है;
फिर भी नीर वही गदला है,
जिससे सिंचकर ठण्डा हो तन,
उस चित-जल का नहीं सुआ है।
रूखा होकर ठिठुर गया है।
जीवन लकड़ी का लड़का है।
खोले कोंपल, फले फूलकर
तरु-तल वैसा नहीं कुआँ है।
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