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आराधना
आराधना
प्रकाशक :
सरल प्रकाशन |
प्रकाशित वर्ष : 2011 |
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ :
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पुस्तक क्रमांक : 8338
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आईएसबीएन :0 |
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2 पाठकों को प्रिय
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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ
जब तू रचना में हँस दी
जब तू रचना में हँस दी
तूल-तूल के फूल खिले
पल्लव डोले-चिड़िया चहकी।
क्या गली-गली गुथ गयी रेणु,
ग्वाल के बाल की बजी वेणु,
हौली-हौली बढ़ गयी धेनु,
चोली हमजोली की मसकी।
कुम्हलायी डाली हरियाई,
खुल-खुलकर तरु कोयल गायी,
बल खाती विपुल हवा आयी,
सौरभ-सौरभ धरती किसकी।
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