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आचार्य श्रीराम शर्मा >> शक्तिवान बनिए

शक्तिवान बनिए

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15501
आईएसबीएन :00000

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जीवन में शक्ति की उपयोगिता को प्रकाशित करने हेतु

Shaktivan Baniye - a Hindi book by Sriram Sharma Acharya

'निर्बल व्यक्ति जीवन भर दु:ख भोगते हैं। जिसका शरीर निर्बल है, उसे बीमारियाँ सताती रहेंगी। सांसारिक सुखों से उसे वंचित रहना पड़ेगा। इन्द्रियाँ साथ न देंगी, तो सुखदायक वस्तुएँ पास होते हुए भी उनके सुख को प्राप्त न किया जा सकेगा। जो आर्थिक दृष्टि से निर्बल है, वह जीवनोपयोगी वस्तुएँ तक जुटाने में सफल न हो सकेगा। सुखी और सफल मनुष्यों के समाज में उसे दीनहीन गरीब समझकर तिरस्कृत किया जाएगा।'

इस प्रकार हम देखते हैं कि अशक्तता एक अभिशाप है, वह चाहे शारीरिक हो, चाहे मानसिक हो, चाहे आर्थिक हो या फिर किसी प्रकार की हो। ' देवो दुर्बलघातकः ' की उक्ति सर्वत्र चरितार्थ होती हुई दिखाई देती है।

इस अभिशाप से किस प्रकार मुक्ति प्राप्त की जा सकती है? कैसे अपने जीवन को समर्थ और सक्षम बनाया जा सकता है? इन्हीं प्रश्नों के समाधान प्रस्तुत पुस्तिका में सूत्रे रूप में संकलित किये गये हैं। इन्हें अपने जीवन में प्रयोग कर इनके माध्यम से शक्ति-सम्पन्नता प्राप्त कर जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।

पाठको! शक्ति संचय के पथ पर अग्रसर होओ। मनचाही सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए अध्यात्म विज्ञान का अवलम्बन करो, अपने को अविनाशी आत्मा मानो, परिस्थितियों का निर्माता अपने आपको मानो और अष्टभुजी दुर्गा की उपासना करो। इस मार्ग पर चलने से तुम शक्तिवान् बनोगे। स्मरण रखो, शक्तिवान् को ही सिद्धि प्राप्त होती है।

- प्रकाशक

शक्तिवान् बनिए

अनुक्रम

 

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